थियेटर इन एज्यूकेशन


मैंने नाट्यकला से संबन्धित अपने  विचारों को यहाँ एक जगह पर आपकी सुविधा के लिए सूचीबद्ध किया गया है। 
  1. एक अमेच्योर एक्टर की डायरी - 1 : रटें या रमें
  2. कहानी कोई भी मोड़ ले सकती है
  3. नाटक को पाठशाला से प्रेक्षागृह में निर्देशक बदलता है
  4. लघु नाटिका - सब कुछ सड़क पर...
  5. नाम में मिला होता है अपमान का घूंट
  6. एकल नाटक : उत्तर कामायनी
  7. शो मस्ट गो ऑन
  8. इनके नाम क्या केवल कोड नंबर हैं
  9. सुलभ संगीत कितना सुगम ?
  10. थियेटर एक्सर्साइज़ : ग्रुप डायनामिक्स 1
  11. थिएटर एक्सर्साइज़ ( Theatre Exercise) : Mime and movement - 1
  12. विश्व रंगमंच दिवस : समस्याओं से जूझता अलवर का रंगमंच
  13. नाटक और रटना
  14. नाटक : संभावनाओं का मंच (भाग 1)
  15. नाटक : संभावनाओं का मंच (भाग 2 )
  16. नाटक: संभावनाओं का मंच (भाग 3)
  17. नाटक संभावनाओं का मंच ( भाग 4 )
  18. नाटक संभावनाओं का मंच ( भाग 5 ) : भरत वाक्य
  19. थियेटर ( Theatre) : फ़र्क तो पड़ता है
  20. थिएटर ज़िंदगी के लिए उतना ही ज़रूरी है जितना मॉर्निंग वॉक या वर्जिश
  21. अंकुरजी उवाच : रगमंच जैसी विधा पैरों पर खड़ी नहीं हो सकती।
  22. रंगमंच (Theatre) : वंचित वर्ग की शिक्षा का माध्यम को हमेशा हाशिये पर रखा गया है।
  23. बच्चों का रंगमंच: कहीं भी, कभी भी ...
  24. Theatre : सच को साधने का यन्त्र
  25. नाटक, स्कूली बच्चे और हम !
  26. थियेटर, अभिनेता और दर्शक के बीच लेनदेन भर है... न कम न ज्यादा।
  27. एक्टर बनने की पहली शर्त इंसान होना है

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अलवर में 'पार्क' का मंचन : समानुभूति के स्तर पर दर्शकों को छूता एक नाट्यनुभाव

  रविवार, 13 अगस्त 2023 को हरुमल तोलानी ऑडीटोरियम, अलवर में मानव कौल लिखित तथा युवा रंगकर्मी हितेश जैमन द्वारा निर्देशित नाटक ‘पार्क’ का मंच...