मैंने नाट्यकला से संबन्धित अपने विचारों को यहाँ एक जगह पर आपकी सुविधा के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
- एक अमेच्योर एक्टर की डायरी - 1 : रटें या रमें
- कहानी कोई भी मोड़ ले सकती है
- नाटक को पाठशाला से प्रेक्षागृह में निर्देशक बदलता है
- लघु नाटिका - सब कुछ सड़क पर...
- नाम में मिला होता है अपमान का घूंट
- एकल नाटक : उत्तर कामायनी
- शो मस्ट गो ऑन
- इनके नाम क्या केवल कोड नंबर हैं
- सुलभ संगीत कितना सुगम ?
- थियेटर एक्सर्साइज़ : ग्रुप डायनामिक्स 1
- थिएटर एक्सर्साइज़ ( Theatre Exercise) : Mime and movement - 1
- विश्व रंगमंच दिवस : समस्याओं से जूझता अलवर का रंगमंच
- नाटक और रटना
- नाटक : संभावनाओं का मंच (भाग 1)
- नाटक : संभावनाओं का मंच (भाग 2 )
- नाटक: संभावनाओं का मंच (भाग 3)
- नाटक संभावनाओं का मंच ( भाग 4 )
- नाटक संभावनाओं का मंच ( भाग 5 ) : भरत वाक्य
- थियेटर ( Theatre) : फ़र्क तो पड़ता है
- थिएटर ज़िंदगी के लिए उतना ही ज़रूरी है जितना मॉर्निंग वॉक या वर्जिश
- अंकुरजी उवाच : रगमंच जैसी विधा पैरों पर खड़ी नहीं हो सकती।
- रंगमंच (Theatre) : वंचित वर्ग की शिक्षा का माध्यम को हमेशा हाशिये पर रखा गया है।
- बच्चों का रंगमंच: कहीं भी, कभी भी ...
- Theatre : सच को साधने का यन्त्र
- नाटक, स्कूली बच्चे और हम !
- थियेटर, अभिनेता और दर्शक के बीच लेनदेन भर है... न कम न ज्यादा।
- एक्टर बनने की पहली शर्त इंसान होना है
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