पीएल संस्था के स्टडी सेंटर पर गए। वहाँ पर किशोर-किशोरियों को पढ़ते हुए देखा। उनसे बातचीत भी की और उनके काम को भी देखा। सेंटर पर 15-16 साल का एक किशोर भी था जो कक्षा में बिलकुल पीछे बैठा हुआ था। यह बाकी किशोर/किशोरियों से अपेक्षाकृत कुछ बड़ा था। मैंने उसे आगे आकर बैठने को कहा। वह आगे आकर बैठ गया। बैठते ही उसकी जेब से मोबाइल नीचे गिर गया। उसने उसे झट से उठा कर छुपा लिया जैसे कोई गलती हो गई हो..... मैंने उससे बातचीत की। उसने बताया की वह स्कूल से ड्रॉप आउट है व अब तलमा (स्टडी सेंटर) पर पढ़ता है। बातों बातों में मैंने उसकी नोट बुक देखी। पन्ने पलटते हुए मैंने देखा एक पृष्ट पर पर गाय पर लेख लिखा था –
गाय के चार पैर होते हैं।
गाय के दो सींग होते हैं।
गाय दूध देती है।
गाय घास खाती है। .....
इस तरह गाय पर लंबी इबारत पूरे पेज पर लिखी हुई थी। जिसमे सीधी सूखी लाइने जिसमें कलपनशीलता की कोई गुंजाइश नहीं। इसी पन्ने के हाशिये के ऊपर एक कोने पर बड़े कलात्मक सुरुचिपूर्ण तरीके से “आई लव यू” लिखा हुआ था।
मेरे जेहन में कुछ सावल आने लगे... इस लड़के के लिए सच क्या है?... सही क्या है?.... जरूरत क्या है?... उसकी ज़िंदगी के असली सावल कहाँ हैं? ... कागज पर लिखी इबारत पर या हाशिये पर ?
अब जब दुबारा उसके पास पढ़ने का एक मौका आया है तो क्या अब भी उसके सावल हाशिये पर ही रहेंगे.....
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दलीप वैरागी
09928986983
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