tag:blogger.com,1999:blog-9220727675756447147.post7079333390740247526..comments2023-08-19T19:35:06.089+05:30Comments on कथोपकथन: बच्चों का रंगमंच: कहीं भी, कभी भी ...Dalip Vairagi दलीप वैरागीhttp://www.blogger.com/profile/15325054635043636582noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-9220727675756447147.post-70915771943852482902011-10-08T11:54:00.372+05:302011-10-08T11:54:00.372+05:30This comment has been removed by the author.Dalip Vairagi दलीप वैरागीhttps://www.blogger.com/profile/15325054635043636582noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9220727675756447147.post-25228382101967990162011-10-04T09:17:22.137+05:302011-10-04T09:17:22.137+05:30@अजय कुमार झा, अजय जी आपके सुझाव पर मैंने ग़ौर किय...@अजय कुमार झा, अजय जी आपके सुझाव पर मैंने ग़ौर किया है। आगे से मैं अपनी पोस्ट मे इस बात का ध्यान रखूँगा। इसके अलावा मैंने आपके दूसरे सुझाव पर अमल करते हुए कुछ पुरानी पोस्ट पर चित्र लगाने की कोशिश की है। सुझाव देने के लिए शुक्रिया ... मार्गदर्शन करते रहिए।Dalip Vairagi दलीप वैरागीhttps://www.blogger.com/profile/15325054635043636582noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9220727675756447147.post-3567543281017877042011-09-29T10:33:48.689+05:302011-09-29T10:33:48.689+05:30बच्चे बहुत से जटिल और दार्शनिक महत्व के प्रश्नों क...बच्चे बहुत से जटिल और दार्शनिक महत्व के प्रश्नों के समाधान ऐसी ही सरल प्रक्रियाओं से समझ लेते हैं... bahut khoob bhaiकमल किशोर जैनhttps://www.blogger.com/profile/09360001058517102580noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9220727675756447147.post-4697180125889896982011-09-28T20:42:06.179+05:302011-09-28T20:42:06.179+05:30बेहतरीन विश्लेषण ने साबित कर दिया है कि आपकी पारखी...बेहतरीन विश्लेषण ने साबित कर दिया है कि आपकी पारखी नज़र रखते हैं । एक आग्रह है , पोस्ट को बीच बीच में पैराग्राफ़ में बांटें तो पढने में सुविधा होगी , और हां एक चित्र लगाने से थंबनेल दिखेगा तो पोस्ट अधिक आकर्षित करेगी । शुक्रियाअजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9220727675756447147.post-53662140935053672162011-09-28T17:56:24.846+05:302011-09-28T17:56:24.846+05:30देखा जाये तो बचपन सीखने और सिखाने दोनों का नाम है ...देखा जाये तो बचपन सीखने और सिखाने दोनों का नाम है आपकी यह प्रस्तुति बहुत अच्छी लगी बहुत दिनों बाद कुछ हट कर पढ़ने को मिला शायद इसलिए कहा गया है बच्चे मन के सच्चे॥वो जो जैसा देखते हैं बिना किसी मन मुटाव और दिखावे के अपने बाल मंच के बाल नाटक में प्रस्तुत कर देते हैं अब यह आप पर निर्भर करता है की उस खेल रूपी नाटक को देखने का आपका नज़रिया क्या है। <br />समय मिले तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है हम सभी की और से आपको एवं आपके सम्पूर्ण परिवार को नवरात्र की शुभकामनायें <br />http://mhare-anubhav.blogspot.com/Pallavi saxenahttps://www.blogger.com/profile/10807975062526815633noreply@blogger.com